मैं एक ज्वलंत लोमड़ी हूं, संतुष्टि के लिए तरस रही हूं। मेरी चूत एक अप्रतिरोध्य चुंबक है, जो हमेशा रिहाई के लिए तड़पती रहती है। प्रत्येक चरमोत्कर्ष मेरी अतृप्त इच्छा का एक वसीयतनामा है, जिससे वीर्य का एक निशान छूट जाता है जो मेरी आनंद की यात्रा को चिह्नित करता है।